
*सामुदायिक भवनों पर चला प्रशासन का बुलडोजर- कोंडागांव*
==========+========
*ग्लोबल न्यूज रिपोर्टर ओमप्रकाश नाग कोण्डागांव से*
*शासन के बदलते ही आदिवासियों के सामुदायिक भवनों पर चला प्रशासन का बुलडोजर- कोंडागांव*
==========+========
कोंडागांव ग्लोबल न्यूज़: गोंडवाना भवन कनेरा रोड कोंडागांव के जिला कार्यालय कोंडागांव में समाज के प्रमुख आस्था का केंद्र जहां पर कई दशकों से समाज के लिए आरक्षित नार्र गांयता कोंडागांव के द्वारा दिया गया सामाजिक निस्तार के लिए आरक्षित भूमि जिसमें मरघट के अलावा करसाड़ स्थल, पेनठाना,गोटुल,गोंडी प्रशिक्षण केंद्र,तथा विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों के लिए वृहद समाज को ध्यान में रखकर उस जगह को आरक्षित रखा गया है पर कुछ ही दिन पूर्व इसी स्थल पर न्यायालयीन आवासीय कालोनी बनाए जाने के नाम पर एसडीएम कोंडांगांव के द्वारा जेसीबी चलाया गया तथा दिनांक 20/12/2023 दिन- बुधवार को जिला कलेक्टर कोंडागांव दीपक सोनी के उपस्थिति में समाज के द्वारा निर्मित बाउंड्रीवाल को तोड़वाकर जहां पर मरका पंडुम, करसाड़, पेन जात्रा, पेनठाना एवं धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियां पूरे वर्ष भर संचालित होती रहती हैं, 80% आदिवासी बाहुल्य जिले में आदिवासियों की अस्तित्व पर प्रशासन ने समाज से बगैर अनुमति के तोड़फोड़ कर समाज में व्याप्त शांति में खलल डाल दी ।
बता दें कि विगत कई महिनों से प्रशासन स्थानीय गोंडवाना समाज से जुडी़ समस्त धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों पर तथा अपने हक ,अधिकारों की रक्षा करते हुए अनेक रूप से प्रताडि़त किए जा रहे हैं और इसी कडी़ में यह सामाजिक अस्तित्व से जुडी़ बडी़ धार्मिक आस्था का स्थल पर असंवैधानिक कृत्य स्थानीय प्रशासन के द्वारा की गई है ।
स्थानीय समाज के आस्था स्थल पर इस प्रकार की कार्यवाही से समाज की नाराजगी का दंश सत्ता या प्रशासन पर कितना असर डालेगा यह समय ही बतायेगा।
कोंडागांव का स्थानीय प्रशासन जिसमें तहसीलदार,एसडीएम व कलेक्टर की अतितत्परता सामाजिक व्यवस्था पर चोट करते हुए समाज के अंदर अशांति फैलाने की नजर आ रही है।आदिवासी जिन्हे पूरी दुनिया शांत व सरल स्वभाव के लिए जानती है ,वहां पर उनकी आस्था पर जबकि उक्त स्थान पर कई सदियों से कोंडागांव को बसाने वाले जिन्हे नार्र गांयता कहा जाता है के द्वारा आबंटित किया गया है ।
पांचवी अनूसूचित क्षेत्र में जहां पर आदिवासियों की अलिखित कानून जिसे संविधान में किसी बात के होते हुए भी रूढी़ व प्रथा(कस्टमरी कानून) अनुच्छेद 13(3)(क)को विधि का बल प्राप्त है जिसे यहां की प्रशासन हमेशा नजर अंदाज करती रही है और शांत रहने वाले आदिवासियों को बार बार आंदोलन व धरना जैसे कार्यों के लिए बाध्य करती रही है,साथ ही संवैधानिकता की बात हो या समाज को जागरुक करने वाले लोगों को फर्जी तरीके से षडयंत्रपूर्वक फंसाकर पुलिस कार्यवाही तथा निर्दोष सामाजिक पदाधिकारियों को जेल आदि में भेजने का काम कर समाज में दहशत बनाकर ऐसे कामों को अंजाम दिया जा रहा है ,जबकि शासन की पहली प्राथमिकता इस क्षेत्र में आदिवासियों की हक,अधिकार,शोषण,अत्याचार आदि से रक्षा की होनी चाहिए ।
गोंडवाना समाज समन्वय समिति जिला कोंडागांव का एक प्रतिनिधि मंडल इन्ही सब प्रशासन की अड़एल रवैये व सामाजिक निस्तार की जमीन पर जहां सदियों से चली आ रही पांरपरिक पेन पुरखों की सेवा अर्जी स्थल पर ,दैवीय स्थलों ,पर प्रशासन द्वारा जबरन जेसीबी चलाकर समाज की व्यवस्था पर आघात पहुंचाने संबंधी बात को लेकर महामहिम राज्यपाल ,मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय,वर्तमान विधायक सुश्री लता उसेंडी,श्री केदार कश्यप जी से रायपुर जाकर मुलाकात किया ।
समाज में प्रशासन के उक्त कृत्य से आक्रोष बढ़ रहा है ,जिसे लेकर समाज महाबैठक की तैयारी में जुट गया है जहां पर उक्त सभी अधिकारियों को बुलाकर जवाब लिया जायेगा और आने वाले समय में ऐसे अधिकारियों के कृत्य का बुरा प्रभाव समाज व समाज के भविष्य पर न पडे़ ,इस बात का ध्यान सत्ताधारी जरूर रखेंगे क्योंकि संम्पूर्ण बस्तर की भूमि पर आदिवासियों की सर्वाधिक बहुलता है ।
