
*वन विभाग की निष्क्रियता चीतल की मौत पर आज तक कार्रवाई नहीं*


22 अगस्त दिन शुक्रवार खोगसरा ग्लोबल न्यूज प्रदीप शर्मा की रिपोर्ट**चीतल की मौत पर अब तक कार्रवाई नहीं: विभाग की चुप्पी पर उठे सवाल* *जांच करने वाले एस डी ओ का ट्रांसफर*
शिकायतें फाइलों में दबी, विभाग मौन
26 जुलाई 2025 को खोंगसरा वन परिक्षेत्र में रेल हादसे में एक नर चीतल की मौत हुई थी। इससे पहले भी इसी क्षेत्र में वन्यजीवों की संदिग्ध मौतें हो चुकी हैं, लेकिन आज तक किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई।
सूत्रों के अनुसार, इस प्रकरण की जांच के लिए एसडीओ कोटा को जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद यह फाइल शिकायतों के ढेर में दब गई। ग्रामीणों और समाजसेवियों द्वारा वन मंत्री केदार कश्यप को भी शिकायत भेजी गई थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई मौतों का सिलसिला और विभाग की लापरवाही एक चीतल की संदिग्ध मौत के बाद वन्यजीव प्रोटोकॉल तोड़ते हुए पेट्रोल डालकर शव जलाया गया।अगले ही दिन रेल ट्रैक पर एक चीतल की दर्दनाक मौत हुई।
खोंगसरा क्षेत्र में तेंदुआ देखे जाने की सूचना भी ग्रामीणों ने दी थी।
वनरक्षक कुंजबिहारी पोर्ते के कार्यक्षेत्र में चीतल की मौत पर खुले में पोस्टमार्टम और शव जलाने जैसी गंभीर अनियमितताएं हुईं।
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग ने केवल कुछ लोगों को नोटिस देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
एक माह बाद भी कार्रवाई नहीं
अब पूरे एक महीने बाद भी कोई ठोस कार्यवाही न होना वन विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
क्या विभाग केवल कागजी खानापूर्ति कर रहा है?
क्या वन्यजीवों की जान इतनी सस्ती हो गई है कि शिकायतें भी सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई हैं? जनता की मांग:
ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों ने एक बार फिर से वन मंत्री एवं शासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है, ताकि वन्यजीवों की मौत का यह सिलसिला थम सके और लापरवाह कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही हो। ग्रामीणों ने आरोपलगया की रेंजर देव सिंह मरावी को किसी प्रकारकी सूचना देने के लिए मोबाइल से संपर्क किया जाता है उनके द्वारा मोबाइल नही उठाया गया।वे बिलासपुर में रहते हैं जबकि उन्हें मुख्यालय में रहना चाहिए ऐसे गैर जिम्मेदार रेंजर को यहां से तत्काल हटाया जाए जबकि बेलगहना उनका गृहग्राम है उसके बाद भी कई वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं ग्लोबल न्यूज के प्रतिनिधि के द्वारा भी रेंजर मरावी को फोन लगाया गया उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया । ग्रामीणों में आक्रोश



