
*अमरकंटक बजरंग दल की पहल से पशुओं को मिला ‘सुरक्षा कवच’*

*अमरकंटक ज्वालेश्वर ग्लोबल न्यूज श्रवण उपाध्याय की रिपोर्ट*
*अमरकंटक* – मां नर्मदा की उद्गम स्थली पवित्र/नगरी अमरकंटक में बजरंग दल द्वारा एक सराहनीय सामाजिक अभियान की शुरुआत की गई है । नगर में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और आवारा पशुओं की असुरक्षा को देखते हुए दल के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों के गले में चमकदार रेडियम पट्टियाँ बाँधने का अभियान आरंभ किया है । इस पहल का उद्देश्य है — रात के अंधेरे में भी पशु स्पष्ट रूप से दिखाई दें और वाहन चालकों को समय रहते सावधानी बरतने का अवसर मिले ।
*सड़क सुरक्षा और संवेदनशीलता का संगम*
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के *नगर प्रखंड अध्यक्ष अंकुश द्विवेदी* ने बताया कि > “हम हर रात नगर की गलियों और मार्गों पर घूमकर आवारा पशुओं के गले में यह ‘सुरक्षा कवच’ बाँध रहे हैं । हमारा उद्देश्य न केवल पशुओं की रक्षा करना है बल्कि वाहन चालकों को भी सतर्क बनाना है ताकि किसी की जान पर न बन आए।”
दल के सभी कार्यकर्ताओं ने बीती रात भी अभियान चलाकर सैकड़ों गायों , बैलों और बछड़ों के गले में रेडियम पट्टियाँ बाँधीं । इस दौरान स्थानीय नागरिकों ने भी दल के साथ सहयोग किया और अभियान को जन-आंदोलन का रूप देने का संकल्प लिया ।
*इस पहल को जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने की सराहना*
नगर के जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विश्वहिंदू परिषद और बजरंग दल की इस पहल को मानवता और संवेदनशीलता की मिसाल बताया । उन्होंने कहा कि यह प्रयास न केवल दुर्घटनाओं में कमी लाएगा बल्कि लावारिस पशुओं की रक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा ।
> “यह प्रयास अत्यंत प्रशंसनीय है । सड़क पर चलने वाले वाहन चालक अब इन पशुओं को दूर से ही पहचान सकेंगे और दुर्घटनाओं से बचाव संभव होगा,”
ऐसा स्थानीय नागरिकों ने कहा ।
* जुबान पशुओं की सुरक्षा और मानवता की ओर एक कदम है *
विश्वहिंदू परिषद और बजरंगदल अमरकंटक के *नगर प्रखंड अध्यक्ष अंकुश द्विवेदी* ने और भी बताया कि अमरकंटक जैसे तीर्थस्थल में जहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु एवं पर्यटक आते जाते हैं , वहाँ यह अभियान सड़क सुरक्षा के साथ करुणा का भी संदेश है । विश्वहिंदू परिषद और बजरंग दल की यह एकल पहल साबित करती है कि सामाजिक जागरूकता और सामूहिक प्रयास से हर समस्या का समाधान संभव है — चाहे वह सड़क दुर्घटना हो या बे जुबान लावारिस पशुओं की पीड़ा । इस ओर ध्यान दें कर हमारा दल कार्य करता रहेगा ।

