
*अमरकंटक में दिखा 5.5 फीट लंबा अजगर
वाहन रोककर सुरक्षित कराया गया मार्ग पार *
*अमरकंटक ग्लोबल न्यूज श्रवण उपाध्याय की रिपोर्ट*
अमरकंटक में दिखा 5.5 फीट लंबा अजगर
वाहन रोककर सुरक्षित कराया गया मार्ग पार
अमरकंटक – मां नर्मदा की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में दिखा भारी भरकम अजगर जो रोड की मुख्य सड़क पार कर रहा था । नर्मदा तटवर्ती शांत वादियों में रात्रि का गहरा सन्नाटा था । इसी समय लगभग रात 9:45 बजे निश्छल निस्तब्धता में अचानक वन विद्यालय की दिशा से निकलकर एक लगभग 5.5 फीट लंबा अजगर सर्प धीमे-धीमे सड़क पार कर रहा था ।
वन्य जैव विविधता समिति अमरकंटक के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार धनंजय तिवारी उस समय अपने वाहन से उसी मार्ग से गुजर रहे थे तभी उनकी नजर अचानक उस पर पड़ी ।
उन्होंने बताया कि —
> “अचानक हेडलाइट की रोशनी में कुछ लंबी सी आकृति दिखी । ध्यान से देखा तो पाया कि वह अजगर सड़क पार कर रहा था। तभी पीछे से एक तेज रफ्तार वाहन आता दिखाई दिया। मैंने तुरंत वाहन रोका और संकेत देकर दूसरे वाहन को भी रुकवाया ताकि वह जीव सुरक्षित पार जा सके।”
कुछ ही क्षणों में अजगर सड़क पार कर वन विभाग की नर्सरी के भीतर समा गया — मानो अपनी परिचित धरती से मिलने लौट आया हो।
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि यह अजगर संभवतः बाल अवस्था का था और इसका आवास आसपास के घने वन क्षेत्र में है । यह दृश्य केवल एक सर्प के मार्ग पार करने का नहीं बल्कि मानव और प्रकृति के मधुर सहअस्तित्व का जीवंत उदाहरण था ।
अमरकंटक के सर्पमित्र सर्व प्रहरी भी इसी संवेदना के वाहक हैं —
वे समय-समय पर घरों , झोपड़ियों या खेतों में पाए जाने वाले सर्पों को पकड़कर सुरक्षित रूप से वन क्षेत्र में मुक्त करते हैं ।
स्थानीय पर्यावरणप्रेमियों का कहना है कि मैकल पर्वत की इन वादियों में आज भी अनेक वन्य जीव-जंतुओं की समृद्ध उपस्थिति इस पावन भूमि की जैव विविधता का प्रमाण है।
जहाँ एक ओर विकास की रफ्तार निरंतर बढ़ रही है, वहीं ऐसे छोटे-छोटे प्रयास यह स्मरण कराते हैं कि प्रकृति का संतुलन केवल तकनीक से नहीं , संवेदना से बचता है ।
