
*वन विभाग के भ्रष्टाचार की कहानी*
*कोंडागांव ग्लोबल न्यूज ओमप्रकाश नाग की रिपोर्ट*
*मामला कोण्डागांव वनमण्डल के परिक्षेत्र दहिकोंगा का*
कोण्डागांव वनमण्डल इन दिनो भ्रष्टाचार की कहानी गढ रही है मानो एक के बाद एक भ्रष्टाचारीयो की पोल खुलने वाली हो, जैसे बोर खनन हो सौन्दर्यीकरण हो तालाब निर्माण हो या फिर चैनलिग कार्य या फिर डामर प्लांट हो इन सब मे भ्रष्टाचार कुट कुट कर भरा है इसमे उच्च अधिकारीयो से लेकर विभाग के कुछ कर्मचारी भी शामिल है यहा भी बंदर बाट का मामला, जिसमे सभी को थोड़ा थोड़ा रस मलाई खाने को मिला है।ऐसे अधिकारी कर्म चारी वन विभाग मे रहे तो वो दिन दूर नही कोण्डागांव वनमण्डल को रेगिस्तान बना के छोडेगे अभी परिक्षेत्र नारंगी का मामला शांत भी नही हुआ है और भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आ गया है इधर शासन-प्रशासन एक पेड़ मा के नाम का प्रचार कर रही है पर बाप उसी पेड को काटने मे लगी है। और तो और विभाग के अतिक्रमण इतने बढ गये है कि अधिकारी भी अतिक्रमण कारियो पर कार्रवाई करने से डर रही है। इसमे यही कहावत फिट बैठती है” जिसकी लाठी उसकी भैस” इसलिए वनमण्डल के कुछ अधिकारी कर्मचारी भी भ्रष्टाचार करने मे पिछे नही है। क्योकि उनके उपर भी किसी ना किसी का हाथ है, जैसे उदाहरण के तौर पर दहिकोंगा परिक्षेत्र का नया मामला डामर प्लांट का, माना कि विकास का मामला है पर ये कैसा विकास हरे भरे वनो को उजाड कर ये कौन सा विकास जिसमे वन विभाग के अधिकारी मौन कुछ तो गडबड महोदय। यही जांच का विषय है।