
*फिजी के स्कूलों में भारत-फिजी कलाकारों की रामलीला*
*भाटापारा ग्लोबल न्यूज जुगल किशोर तिवारी की रिपोर्ट*
/भाटापारा ग्लोबल न्यूज/ साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था मुंबई भारत और सनातन धर्म ब्राह्मण सभा फिजी के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय रामलीला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन फिजी के विभिन्न जिलों के स्कूलों में 26 मई 2025 से 6 जून 2025 तक हो रहा है। रामलीला का मंचन छत्तीसगढ़ और मुंबई के कलाकारों की टीम कर रही है। टीम का नेतृत्व संस्था के महासचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह और अंतरराष्ट्रीय पार्श्व गायक डॉ. ललित सिंह ठाकुर कर रहे हैं। 26 मई को नादी जिले के टोंगों प्राइमरी स्कूल में शिव बारात, शिव विवाह और शिव-पार्वती संवाद का मंचन हुआ। 27 मई को मनु-शतरूपा तप, रावण जन्म, रावण तपस्या, ऋषियों के यज्ञ विध्वंस, धरती पर अनावृष्टि, क्षीरसागर में विष्णु से वर प्राप्ति, रामचंद्र और गुरु विश्वामित्र का आगमन, ताड़का वध जैसे प्रसंगों का मंचन किया गया। 28 मई को देवी अहिल्या उद्धार, पुष्प वाटिका, सीता स्वयंवर और लक्ष्मण-परशुराम संवाद का मंचन हुआ। दर्शकों ने इन प्रस्तुतियों की खूब सराहना की।
नादी जिले में तीन दिवसीय मंचन के बाद रामलीला का आयोजन वुलिलेखा, लंबासा, सुवा और टोंको जिलों में भी किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य स्वर और गायन डॉ. ललित सिंह ठाकुर कर रहे हैं। ऑर्गन और कोरस पर डॉ. जगदीश हीरा साहू, तबला पर नारायण निषाद और ऑक्टोपेड पर केशव राम साहू प्रस्तुति दे रहे हैं।
श्रीराम की भूमिका मुंबई के राजकुमार चौधरी निभा रहे हैं। लक्ष्मण की भूमिका भाटापारा के सत्यनारायण (सत्तू) पटेल निभा रहे हैं। सीता की भूमिका चंद्र प्रभा ध्रुव, निषाद राज की हरिचरण दास वैष्णव, दशरथ के राजदूत की खुमान वर्मा, शिवजी की लक्ष्मी प्रसाद साहू, पार्वती की डॉ. वीणा साहू, सुमित्रा की अफसाना, कौशल्या की डॉ. अरुणा पाठक, कैकई की बिना कुमारी और राजा दशरथ की भूमिका डॉ. प्रदीप कुमार सिंह निभा रहे हैं।
फिजी में भारत और फिजी के कलाकारों द्वारा रामलीला का भव्य मंचन किया जा रहा है। कार्यक्रम में फिजी सरकार ने सुरक्षा की व्यवस्था की है। फिजी एक छोटा देश है, जहां हिंदुओं की संख्या अधिक है। यहां के लोग भारत को अपना पूर्वज मानते हैं और श्रीराम के आदर्शों पर चलते हैं। फिजी की जलवायु, वातावरण और खानपान भारतीयों से मेल खाता है। यहां हिंदी प्रमुखता से बोली जाती है। भारत और फिजी के बीच सांस्कृतिक समानता साफ नजर आती है।
