
*चपोरा एवं उप केंद्र पचरा में प्रबंधक की मनमानी किसानों की गाढ़ी कमाई को अन्दाज से अधिक धान लिया जा रहा है*

**करगीरोड (कोटा) रतनपुर ग्लोबल न्यूज ब्यूरो**कब तक गरीब आदिवासी किसान लुटता रहेगा , *धान पैदा करने वाला किसान गरीब धान लेने वाला प्रबंधक करोड़पति*आदिवासी सेवा सहकारी समिति चपोरा के उप केन्द्र पचरा में प्रबंधक की लापरवाही 40.600किलो धान लेने की बजाय 42/43,किलो धान अधिक लिया जा रहा है। लगभग। अगर सही ढंग से जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी उक्त धान खरीदी केंद्र में नोडल अधिकारी की भी मिली भगत है। धान को पलटी करते समय एवं तौलते समय कई किलो धान को जमीन पर गिरा दिया जाता है एवं उसे उठाया नहीं जाता । बाद में उक्त धान को उठाकर प्रबंधक अपने लाट में मिला दिया जाता है। एवं हमाली भी 6 रुपया लिया जा रहा है

स्थानीय किसानों के धान को केवल एक – दो बोरा को तौल कर बाकी धान बोरा को बिना तौल किये ही किसानों से लिया जा रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार और जिला कलेक्टर के आदेश भी नहीं मान रहे हैं प्रबंधक ऐसे में पचरा धान खरीदी केंद्र में मनमानी साफ़ देखने को मिल रहा है, जबकि की किसानों का धान को इलेक्ट्रानिक कांटा में सही तौल कर धान खरीदी करना है, वहीं पचरा धान खरीदी केंद्र में किसानों को जल्द बाजी के चक्कर में किसानों से तौल से ज्यादा धान लिया जा रहा है, सभी धान खरीदी केंद्र में किसानों से धान खरीदी में गड़बड़ी को रोकने के जिला स्तर और ब्लाक स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया लेकिन नोडल अधिकारी भी धान खरीदी केंद्र में खाना पूर्ति कर लौट जाते हैं, पचरा धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक और फड़ प्रभारी से पूछा गया तो उनका कहना है कि सभी किसानों का धान को सभी बोरा तौल करना संभव नहीं है ऐसा कहकर टाल दिया गया है, सभी धान खरीदी केंद्रों में किसानों से हमाली का प्रत्येक बोरा तौल करने का पैसा भी किसानों से लिया जाता है, लेकिन यहां सब काम अंदाज़ से काम हो रहा है। पचरा धान खरीदी केंद्र में उच्च अधिकारियों व के शिकायत नंबर भी दीवाल पर अंकित नहीं है ऐसे में प्रबंधक की लापरवाही साफ देखने को मिल रहा है। वही समिति में दो ट्रैक्टर दो ट्राली कई वर्षों से खड़े-खड़े खराब हो गए उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं इस वजह से रखे रखे खराब हो गया शासन के पैसे का दुरुपयोग इस प्रकार किया जा रहा है जबकि यहां पर बिलासपुर से आला अधिकारी आते हैं और निरीक्षण कर चले जाते हैं उनका उक्त ट्रैक्टर पर ध्यान नहीं दिया गया।
दुर्गेश साहू जिला सीईओ सरकारिता
को इस संबंध में जानकारी लेने से फोन किया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। *चपोरा प्रबंधक विवेक राजपूत से पूछने पर उन्होंने कहा कि धान सूखता है इसलिए किसानों से अधिक धान लिया जा रहा है। क्योंकि धान समय पर नहीं उठाता है।
पचरा उप केन्द्र प्रबंधक नारायण साहू ने कहा की सभी धान बोरा को तौल करना संभव नहीं हो सकता है।






