
*सरकार कब सुनेगी इस दिव्यांग आदिवासी बालक की आवाज़?


*खोगसरा ग्लोबल न्यूज प्रदीप शर्मा की रिपोर्ट*****कोटा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत टाटीधार के राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र दिव्यांग का 2010 से 2025 होने जा रहा है शासन की सुविधाओं से वंचित है। नाहीं शासन एवं अधिकारियों का ध्यान जा रहा है ।जबकि हर हमेशा शिविर लगाया जाता है उसके बाद भी शासन के लाभ से वंचित शासन से गुहार: उरांव जनजाति के दिव्यांग बालक को नहीं मिला कोई सरकारी लाभ*
बिलासपुर, छत्तीसगढ़: कोटा ब्लॉक के अंतिम आदिवासी गाँव टाटीधार का उरांव जनजाति से संबंध रखने वाला 15 वर्षीय दिव्यांग बालक अरविंद अब तक शासन की सुविधाओं से वंचित है। 2010 में उसका दिव्यांगता प्रमाण पत्र बना था, लेकिन इसके बाद न तो कोई अपडेट हुआ और न ही उसे किसी सरकारी योजना का लाभ मिला।
शिक्षा से वंचित, स्वास्थ्य सुविधाएँ नहीं उपलब्ध
अरविंद जन्म से ही दिव्यांग है और आज तक स्कूल नहीं जा पाया। शिक्षा विभाग ने कभी उसकी सुध नहीं ली। न ही उसे दिव्यांगजनों के लिए मिलने वाली सहायता राशि, छात्रवृत्ति या अन्य सुविधाएँ प्राप्त हुईं।
परिवार का कहना है कि बच्चे की स्वास्थ्य जांच तक नहीं कराई गई, जिससे उसकी स्थिति और भी खराब हो रही है। प्रशासन ने अब तक कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे परिवार बेहद परेशान है।
सामाजिक कार्यकर्ता आगे आए
इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप कुमार ने जिला कलेक्टर और मुख्यमंत्री तक बात पहुँचाने के लिए सोशल मीडिया और पत्र व्यवहार के माध्यम से प्रयास शुरू कर दिए हैं। उन्होंने शासन से मांग की है कि इस दिव्यांग बालक को तत्काल सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाए।
मांग: व्यापक स्वास्थ्य जांच और सरकारी योजनाओं का लाभ मिले
अरविंद की बड़े स्तर पर स्वास्थ्य जांच कराई जाए
नया दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी हो
शिक्षा और छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिले
विकलांग सहायता उपकरण (व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र आदि) प्रदान किए जाएँ
सरकारी योजनाओं से जोड़कर राहत दी जाए
प्रशासन कब लेगा संज्ञान?
ग्रामवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन और सरकार से निवेदन किया है कि इस बालक की मदद के लिए तुरंत कदम उठाए जाएँ।
अगर जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया, तो ग्रामवासी उच्च अधिकारियों और मानवाधिकार आयोग तक शिकायत दर्ज कराने को मजबूर होंगे।