पंखाजूर

*37 लाख के घपले का मुख्य आरोपी 3 माह से फरार*

धान गड़बड़ी करने वाला गछोटेबेठियाड़बड़ी का मास्टर माइंड की गिरफ्तारी पुलिस के बनी चुनोती

*बिपल्ब कुण्डू–की रिपोर्ट*


*पखांजुर-ग्लोबल न्यूज़*

छोटेबेठिया धान खरीदी केंद्र में 37 लाख के धान व बारदाना की गड़बड़ी करने वाले मामले में मामला दर्ज होने के डेढ़ माह बाद 3 आरोपी को पुलिस नें जेल भेजा था वहीं इस मामले का मास्टर माइंड को अभी तक पुलिस नही खोज पाई है।अपराध दर्ज हुए साढ़े तीन माह हो गए, इसके बाद भी पुलिस मुख्य आरोपी को नहीं दबोच पा रही है, यह चर्चा है कि मुख्य आरोपी पुलिस को लगातार छका रहा है।
कांकेर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला के निर्देश पर जिला खाद्य अधिकारी ने इस मामले की जाँच किया था, जिसमें धान खरीदी केंद्र छोटेबेठिया में 35 लाख 18 हजार 184 रूपएं एवं बारदाना राशि 2 लाख 4 हजार 106 रुपया की गड़बड़ी पाई गई थी।कलेक्टर ने उपपंजीयक को इस मामले में अपराध दर्ज करवाने के लिए 18 अप्रैल को पत्र लिखा था।उपपंजीयक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बांदे के शाखा प्रबंधक को एफआईआर लिखाने के लिए निर्देशित किया गया था।कलेक्टर के निर्देश दिए जाने के डेढ़ माह बाद शाखा प्रबंधक थाना में अपराध दर्ज कराने पहुचे और उनकी लिखित शिकायत पर इस मामले
में लिप्त चार आरोपियों के खिलाफ 3 मई को धारा 420, 34, 409 भादवि के तहत अपराध दर्ज किया गया था। मामला यह था कि धान, उपार्जन केन्द्र छोटेबेठिया की गड़बड़ी की जाँच खाद्य निरीक्षक द्वारा किया गया था और उनके प्रतिवेदन में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्या. छोटेबेठिया के धान उपार्जन केन्द्र में *724.60 क्विंटल धान की कमी, जिसका समर्थन मूल्य 35 लाख 18 हजार 184 रूपएं एवं बारदाना राशि 2 लाख 4 हजार 106 रूपएं कुल 37 लाख 22 हजार 290 रुपएं की शासकीय क्षति व अनियमितता का उल्लेख था। नेटवर्क को भी खंगाला जाएगा- पखांजुर एसडीओपी रवि कुजूर से इस विषय पर बात किया तो उन्होने बताया कि खोजबीन निरंतर जारी है। आरोपी के परिजनों के नेटवर्क के माध्यम से अब खोजबीन की जा रही है, जल्द आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।

मास्टर माइंड पुलिस के हत्थे नही चढ़ा-

छोटे बेठिया के मामले में संलिप्त आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित छोटेबेठिया विकासखण्ड कोयलीबेड़ा के प्रभारी प्रबंधक आरडी मानिक को मास्टर माईड माना गया, जो अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। पुलिस को मास्टर माईड लगभग साढ़े तीन माह से छका रहा है।

नेताओं का जहां था दबाव, वहीं हुई गड़बड़ी-

नेताओं ने जिन जिन खरीदी केंद्रों में प्रभारियों की नियुक्ति का दबाब बनाया था, उन्हीं खरीदी केंद्रों में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा हुआ है। जिले में कई केंद्रों में फर्जीवाड़ा किया गया है, लेकिन पखांजूर इलाके में इसकी संख्या सबसे अधिक है। 31 मार्च को जब धान खरीदी केंद्रों में घोटालों का आंकड़ा सामने आया तो अफसरों के हाथ पांव फूल गए थे। दो धान खरीदी केंद्रो के अमले पर मामला दर्ज हो गया है. वहीं कई खरीदी केंद्र के प्रभारी व अन्य यहा वहां से उधारी का पैसा लेकर पैसा जमा कर दिया।इनकी गलती उजागर होने के उपरांत इन पर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नही हुई।

■ धान खरीदी में होने के डेढ़ माह बाद गड़बड़ी के चार आरोपियों को आरोपियों में से तीन जेल में।

■ पुलिस अब उसके करीबियों के नेटवर्क को खंगाल रही, फिर जल्द गिरफ्तार का दावा।

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