बिलासपुर

*उपेक्षा का दंश झेल रहा है सिरगिट्टी परीक्षेत्र का तालाब*


*बिलासपुर संवाददाता राजेश वर्मा की रिपोर्ट*





बिलासपुर। तालाब केवल मात्र इंसान की प्यास ही नहीं बुझाते हैं अपितु पशु-पक्षी भी तालाबों में आकर पानी पीते हैं, इसलिए यह जीवनदायी है।वर्षा के जल अथवा बहते पानी को रोककर रखे जाने हेतु तालाबों की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण होती है।सबसे बड़ी बात यह है कि वर्षा के पानी का उचित उपयोग होता है यानी वह पानी बेकार में नहीं जाता। तालाब की गहराई और चौड़ाई बढ़ेगी, तो उसमें जल संग्रहण की क्षमता बढ़ेगी। प्रशासन द्वारा तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए योजनाएं और इस दिशा में कार्य करती है पर बिलासपुर स्थित सिरगिट्टी क्षेत्र ग्राम पंचायत से अब नगर निगम का हिस्सा बन चुके क्षेत्रों में नहीं दिख रहा है तालाबों का विशेष रखरखाव और सौंदर्यीकरण की दिशा में करने वाला कार्य नहीं दिख रहा है।तालाबो की स्थिति पहले

से भी बदतर हो चुकी है। कभी नगर को पानीदार बनाने वाले तालाबो मे से कुछ तालाब अब उपेक्षा के चलते विलुप्त होने की कगार पर हैं। गौरतलब हो कि नगर निगम पूर्व सिरगिट्टी एक ग्राम पंचायत था तब यह इलाका सिर्फ तीन इलाके सिरगिट्टी ,बन्नाक व झोपड़ापारा के नाम से जाना जाता था शहर से लगे होने के कारण धीरे धीरे जनसंख्या बढ़ती गई और घर भी बढ़ते गए।यह क्षेत्र भी घनी आबादी वाले क्षेत्र का हिस्सा बन गया। जिसके बाद इसे निगम मे विलय कर लिया गया परन्तु क्षेत्र के सिरगिट्टी स्थित बैजनथीया तालाब व डबरी झोपड़ापारा नयापारा स्थित छोटा व बड़ा तालाब सहित हाथी डबरी तो वही बन्नाक चौक स्थित दो तालाबे जिसमे से कुछ एक में से पचरी का निर्माण हुआ है और अधिकांश जलाशय उपेक्षित होने के कारण कचरादान बन कर रहा गया तो कोई सूखे की मार झेल रहा है । तालाब को पूर्ण तालाब के रूप के साथ ही पानी ठहराव हेतू उचित व्यवस्था करने की जरूरत है। जिससे बारिश के दिनों मे बारिश का पानी तालाब मे ठहर सके इस तालाब मे भी आदम जमाने मे सिर्फ पचरी का ही निर्माण किया गया है तालाब मे पानी नही होने के कारण यह भी कचरा दान मे तब्दील हो रहा है अगर समय रहते इसे सहेजा नही गया तो आने वाले समय मे काफी पानी का समस्या हो सकती है तालाब सुखकर कचरादान बन गया है वही मुख्य मार्ग से लगे एक बड़ा तालाब है। जिसपर नगर पंचायत के समय लगभग 21 लाख रुपए की लागत से पचरी का निर्माण तो किया गया था परन्तु उसमे पानी भरने किसी भी प्रकार का प्रयास नही किया गया जिसमे अब लोगो के घरों का गंदा पानी एकत्र हो रहा है अब यह तालाब भी धीरे धीरे अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। इस दिशा में तालाबों का संरक्षण करके जल का संरक्षण किया जा सकता है इस दिशा में कार्य किया जाने कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का विशेष आवश्यकता है क्योंकि जल ही जीवन है।

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