
*नर्मदा उद्गम स्थल मुरली मनोहर मंदिर में गूंजे गीता के श्लोक*
*अमरकंटक ग्लोबल न्यूज श्रवण उपाध्याय की रिपोर्ट*

अमरकंटक में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई गीता जयंती
अमरकंटक – मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली और पवित्र नगरी अमरकंटक में सोमवार , 1 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव बड़े धार्मिक उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया । नर्मदा मंदिर उद्गम प्रांगण स्थित मुरली मनोहर (राधा-कृष्ण) मंदिर के समक्ष आयोजित कार्यक्रम में नगर के धार्मिक , सामाजिक और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता निभाई ।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और प्रभु श्रीकृष्ण की आरती के साथ की गई । इसके उपरांत गीता के 15वें अध्याय का सामूहिक पाठ किया गया जिसमें हायर सेकंडरी के विद्यार्थियों ने श्लोकों का पाठ किया तथा शिक्षक जितेंद्र तिवारी ने श्लोकों का हिंदी भावार्थ सुनाया ।
इस दौरान नगर परिषद अमरकंटक के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमति पार्वती सिंह उइके , सीएमओ चैन सिंह परस्ते , पीएम श्री हायर सेकंडरी स्कूल अमरकंटक , पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय अमरकंटक , कल्याणिका केंद्रीय शिक्षा निकेतन अमरकंटक सहित तीनों संस्थानों के शिक्षक-शिक्षिकाएँ व छात्र-छात्राएँ , नगर परिषद अमरकंटक के कर्मचारी , तीर्थयात्री और नगर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम में मास्टर जितेंद्र तिवारी , मास्टर महेश्वर द्विवेदी , पीटीआई प्रकाश सिंह चौहान , नर्मदा मंदिर के पुजारी पंडित वंदे महाराज , गणेश पाठक , चैन सिंह मंडलोई , सनत कुमार पांडेय , मेघा सिंह , राजकुमार , उमाशंकर परमार , बैजनाथ सिंह , ननका जायसवाल व पत्रकार श्रवण कुमार उपाध्याय आदि की विशेष सहभागिता रही ।
इस अवसर पर नर्मदा मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित वंदे महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को प्रदान किए गए गीता के उपदेश मानवता को धर्म , कर्तव्य और आत्मोन्नति का मार्ग दिखाते हैं । गीता जयंती हमें यह संदेश देती है कि “जब मानव हर जीव में परमात्मा का स्वरूप देख सके , तभी सच्चे धर्म का पालन संभव है और मानव जीवन देवत्व के समीप पहुँचता है ।”
कार्यक्रम के समापन पर भारत की सनातन आध्यात्मिक संस्कृति के इस महान ग्रंथ के संदेशों के प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया गया ।
समापन पर सभी को मिष्ठान हलुआ वितरित किया गया ।

