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~* आज का हिन्दू पंचांग ~🌞

🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅दिनांक – 19 सितम्बर 2023
⛅दिन – मंगलवार
⛅विक्रम संवत् – 2080
⛅शक संवत् – 1945
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – शरद
⛅मास – भाद्रपद
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – चतुर्थी दोपहर 01:43 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅नक्षत्र – स्वाती दोपहर 01:48 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅योग – वैधृति 20 सितम्बर प्रातः 03:58 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅राहु काल – दोपहर 03:36 से 05:08 तक
⛅सूर्योदय – 06:27
⛅सूर्यास्त – 06:40
⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:53 से 05:40 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:10 से 12:57 तक
चंद्रमा पूरे दिन तुला राशि में रहेंगे

⛅व्रत पर्व विवरण – गणेश चतुर्थी, शिवा चतुर्थी, मंगलवारी चतुर्थी
⛅विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है ।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🌹मंगलवारी चतुर्थी – 19 सितम्बर 2023🌹

🔸 पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 01:43 तक

🌹जैसे सूर्य ग्रहण को दस लाख गुना फल होता है, वैसे ही मंगलवारी चतुर्थी को होता है । बहुत मुश्किल से ऐसा योग आता है । मत्स्य पुराण, नारद पुराण आदि शास्त्र में इसकी भारी महिमा है ।

🌹इस दिन अगर कोई जप, दान, ध्यान, संयम करता है तो वह दस लाख गुना प्रभावशाली होता है, ऐसा वेदव्यास जी ने कहा है ।

🔹 कर्जे से छुटकारा के लिए🔹

🔹मंगलवार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना । जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है । बिना नमक का भोजन करें, मंगल देव का मानसिक आह्वान करें । चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें । कितना भी कर्जदार हो… काम धंधे से बेरोजगार हो… रोजी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा ।

🌹विघ्न निवारण हेतु🌹

🌹गणेश चतुर्थी के दिन ‘ॐ गं गणपतये नमः ।’ का जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्नों का निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है ।

🌹गणेश चतुर्थी : 19 सितम्बर 2023🌹

👉🏻 गणेश चतुर्थी का व्रत एवं पूजन 19 सितम्बर 2023 को है । ‘इस दिन स्नान, दान, जप और उपवास करने से 100 गुना फल होता है ।’ (भविष्यपुराण)

👉🏻 भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी (कलंकी चौथ) को चन्द्रदर्शन करने से मिथ्या दोष लगता है । इस वर्ष दिनांक 18 सितम्बर और 19 सितम्बर – दो दिन चन्द्रदर्शन न करें ।

18 सितम्बर – चन्द्रदर्शन निषिद्ध (चन्द्रोस्त – रात्रि 08:40)
19 सितम्बर – चन्द्रदर्शन निषिद्ध (चन्द्रोस्त – रात्रि 09:18)

🌹 भूलवश चन्द्रदर्शन हो जाये तो उसका प्रभाव कम करने के लिये –

👉🏻 इस मंत्र का 21, 51 या 108 बार जप करके पवित्र किया हुआ जल पीयें ।

मंत्र:-
सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः ।
सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः ।।

अर्थ – ‘सुंदर सलोने कुमार ! इस मणि के लिये सिंह ने प्रसेन को मारा है और जाम्बवान् ने उस सिंह का संहार किया है; अतः तुम रोओ मत । अब इस स्यमन्तक मणि पर तुम्हारा ही अधिकार है ।’
(ब्रह्मवैवर्तपुराण)

👉🏻 ‘श्रीमद् भागवत’ के 10वें स्कंध के 56-57वें अध्याय में दी गयी ‘स्यमंतक मणि की चोरी’ की कथा का आदरपूर्वक पठन-श्रवण करना चाहिए ।

👉🏻 भाद्रपद शुक्ल तृतीया या पंचमी के चन्द्रमा का दर्शन करना चाहिए ।

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