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*नेताओ को खुश करने, बेवजह किया गया निलंबन की कार्यवाही*

*ग्लोबल न्यूज रिपोर्टर ओमप्रकाश नाग कोण्डागांव से ****



*राजनैतिक दल के नेताओ को खुश करने, बेवजह किया गया निलंबन की कार्यवाही, जिलाशिक्षा अधिकारी कार्यालय कोंडागांव के सामने 15 जुलाई से अनिश्चित कालीन आमरण अनसन*

कोंडागाँव:- 03 सितंबर 2024 को पूर्व एस.डी.एम. (राजस्व) निकिता मरकाम व अन्य उच्च अधिकारियों ने राजनीतिक पार्टी के लोगो को खुश करने के लिए षणयंत्र पूर्वक , सुनियोजित तरिके इनके द्वारा व्यक्तिगत रुचि लेते हुए ,पति -पत्नी (नीता मंडावी- नरसिंह मंडावी ) को कन्या छात्रावास कोंडागांव के अधीक्षिका के निवास स्थान में भोजन करने को लेकर 12 घंटे के अंदर, बिना नोटिस दिए, तर्कहीन बिना ठोस आधार के राजनीतिक द्वेष से प्रेरित होकर बे मतलब पूर्व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोंडागांव निकिता मरकाम ने कार्यवाही किया इनके अनुशंसा के आधार पर निलंबन की  कार्यवाही किया गया। नियमतः 90 दिवस में बहाली किया जाना था, परन्तु आज पर्यन्त तक निलम्बन अवधि 10 माह पूर्ण हो चुकी है ।तय समय सीमा मे आरोप पत्र का जवाब भी दिया जा चुका है। बहाली के लिए कई बार आवेदन दिया जा चुका है परन्तु उच्च अधिकारियों का जवाब सन्तुष्टि जनक नही रहा। उच्च अधिकारियों के ढुल-मूल जवाबो से परेशान होकर परिवार सहित जिलाशिक्षा अधिकारी कार्यालय कोंडागांव के बाहर आमरण अनसन में बैठने को मजबूर है।
प्राप्त जानकारी अनुसार महिला बाल विकास विभाग रायपुर के दिशा निर्देश के कंडिका 2.3.1 में  अधिक्षिका/वार्डन परिवार सहित रह सकती है। इस कंडिका का पालन करना चाहिए था।
कंडिका 4.2 में स्पस्ट लिखा गया है कि शिकायत प्राप्त होने पर 15 दिन में जांच कर शिकायत सही पाए जाने की स्तिथि में मूल संस्था के लिए स्थानांतरण व प्रभार परिवर्तन करते हुए संस्था से मुक्त करने के लिए निर्देष है।
इस कंडिका का पालन अधिकारियों  द्वारा नही किया गया।
कंडिका 2.8.2 अधिक्षिका के परिवार के लिए नही है। सूचना के अधिकार 2005 के तहत मिली जानकारी अनुसार अधीक्षिका क्वार्टर में परिवार (पति बच्चे) सहित रह सकती है।
आर.टी.आई. से मिली जवाब अनुसार पूर्व एस.डी.एम.(रा) कोंडागाँव ने जानकारी के अभाव में चहेते राजनीतिक नेताओ के लिए रात्रि को अधिक्षिका के कमरे मे भोजन कर रहे पति- पत्नी पर कार्यवाही किया गया।
पूर्व एस.डी.एम. (रा) निकिता मरकाम के व्यक्तिगत द्वेषभरी नियम अनुसार पति-पत्नी एक साथ नही रह सकते ,साथ रहना अवैध है। इनके द्वारा पति- पत्नी के रिश्ते को आपत्तिजनक कृत्य कहा गया और पति को पत्नी के कमरे में पाये जाने पर ,रंगे हाथ पाया गया इन्होंने मीडिया में कहा। और न जाने कई प्रकार की चुटकुले भरी  आर्टिकल्स प्रिंट मीडिया/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया/सोसल मीडिया में प्रसारित किया गया। इस प्रकार का व्यवहार   पढ़े लिखे उच्चपद में आसीन महिला अधिकारी के लिए शोभा नही देता।
   
   राज्य में समस्त कर्मचारियों के सरक्षंण के लिए सामान्य प्रशासन विभाग रायपुर द्वारा 02 आदेश जारी हुआ है इसमे से पत्र क्र .एफ 3-2/2010/1-3 रायपुर 23 नवम्बर 2010 और आदेश पत्र क्र. एफ 13-3/आप्रा/2008/1-3 रायपुर दिनांक 12 जून 2008 का उच्च अधिकारियो के द्वारा घोर उलघंन किया जा रहा है। इन आधिकारियो के द्वारा व्यक्तिगत रुचि लेने के कारण बहाली आदेश नही हो रही है जो दुःखद और भेदभव पूर्ण है।
ऐसे दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही किया जाए ताकि किसी शासकीय कर्मचारियों को बेवजह प्रताड़ना की शिकार होना न पड़े।

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