
*हाथी और बाघ के विचरण क्षेत्र में जोहार पहुना फाउंडेशन का जागरूकता अभियान*

***खोगसरा ग्लोबल न्यूज प्रदीप शर्मा की रिपोर्ट***हाथी और बाघ के विचरण के बीच गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और बिलासपुर जिले में जोहार पहुना फाउंडेशन का जागरूकता अभियान
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जोहार पहुना फाउंडेशन ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के साथ-साथ बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के अंतिम गांवों तक जागरूकता फैलाने का अभियान तेज कर दिया है। मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए दीवार लेखन, जागरूकता रैलियां, और सामुदायिक बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
अभियान की प्रगति:
अब तक 50 से अधिक स्थानों पर दीवार लेखन किया जा चुका है, जिसमें हाथियों और बाघों से बचाव के उपायों के संदेश शामिल हैं। इसके अलावा, 20 से अधिक सामुदायिक बैठकें और जागरूकता रैलियां आयोजित की गई हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों को सतर्कता बरतने और वन्यजीवों के प्रति सह-अस्तित्व का महत्व समझाया जा रहा है।
संस्था का उद्देश्य:
फाउंडेशन के निदेशक प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि यह अभियान वन्यजीवों के आसपास के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को समय पर सही जानकारी देकर संघर्ष को रोकने पर केंद्रित है। वन्यजीवों के गांव के समीप आने पर तत्काल वन विभाग और संस्था को सूचना देने की प्रक्रिया ग्रामीणों को समझाई जा रही है।
सामुदायिक सहभागिता:
ग्राम स्तर पर वालंटियर, स्वयंसेवी साथी, और ग्रामीण संगठन इस अभियान को सफल बनाने में जुटे हैं। सामुदायिक बैठकों में स्थानीय लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं और जागरूकता रैलियों के माध्यम से संदेश तेजी से प्रसारित हो रहा है।
भविष्य की योजना:
फाउंडेशन का लक्ष्य इन प्रयासों को और व्यापक बनाना है, ताकि मानव-वन्यजीव संघर्ष को न्यूनतम किया जा सके और जंगलों से सटे क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह अभियान क्षेत्र में न केवल जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के लिए एक स्थायी समाधान की ओर बढ़ रहा है।
