
*पर्यावरण मंत्रालय के आदेश की उड़ रही धज्जियां, खनिज विभाग बना मूकदर्शक*
*ग्लोबल न्यूज रिपोर्टर ओमप्रकाश नाग कोण्डागांव से*
*पर्यावरण मंत्रालय के आदेश की उड़ रही धज्जियां, खनिज विभाग बना मूकदर्शक*
कोण्डागांव जिले में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े नियमों की खुलेआम अनदेखी हो रही है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2012-13 में पारित आदेश के अनुसार लाल ईंटों के निर्माण पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया था, ताकि प्राकृतिक मिट्टी की अंधाधुंध खुदाई और पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोका जा सके। बावजूद इसके जिले के विभिन्न गांवों में अवैध रूप से लाल ईंट निर्माण का गोरखधंधा जोरों पर है।
जिला मुख्यालय से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर डोंगरी गुड़ा काजू प्लांट के अंदर, कुम्हारपारा, कुशमा, बम्हनी सहित अनेक गांवों में ईंट भट्टे धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। यहां हजारों-लाखों की संख्या में लाल ईंटों का निर्माण और खुलेआम बिक्री की जा रही है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि शासन के नियमों की सरेआम अवहेलना भी हो रही है।
आश्चर्य की बात यह है कि जिला खनिज विभाग को इस अवैध गतिविधि की जानकारी होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। विभाग की निष्क्रियता से ईंट भट्ठा संचालकों के हौसले बुलंद हैं और यह काला कारोबार लगातार फल-फूल रहा है।
प्रशासन की चुप्पी और खनिज विभाग की उदासीनता से साफ है कि या तो मिलीभगत है या फिर जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ा जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाना अब बेहद जरूरी हो गया है।

