छत्तीसगढ़बेलगहनासंपादक हरीश चौबेसबसे पहले सबसे आगे न्यूज

*ससुर की जगह दामाद करा रहा पढ़ाई*

*बेलगहना ग्लोबल न्यूज ब्यूरो की रिपोर्ट*शिक्षा विभाग के -गजब कारनामे : दामाद कर रहा स्कूल में ड्यूटी, बेटी से बनवा रहे मध्यान्ह भोजन*
   शिक्षा विभाग के कारनामे भी सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं।बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर सवाल

कोटा ब्लॉक के चुरेली स्कूल में प्रधान पाठक द्वारा 14 वर्षीय बेटी से मध्यान्ह भोजन बनवाया जा रहा है। यह घटना न केवल बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की धज्जियां उड़ाती है, बल्कि बाल श्रम और बालिका सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थिति यह है कि स्कूल में रखे खाद्यान्न को जमीन पर रखकर ऊपर झाड़ू और कचरा डाल दिया जाता है, और वही भोजन बच्चों को परोसा जाता है।

//ससुर की जगह दामाद कर रहा पढ़ाई//

इसी ब्लॉक के आमागार प्राथमिक स्कूल का हाल इससे भी विचित्र है। यहां पिछले दो वर्षों से पैरालाइज शिक्षक की जगह उनका दामाद शराब पीकर स्कूल में ड्यूटी कर रहा है। अब सोचिए, शराबी व्यक्ति बच्चों को किस स्तर की शिक्षा देगा।

शिक्षा विभाग और BEO की भूमिका पर सवाल

जब यह मामला खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) तक पहुंचा तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा – “मैं आकर देखता हूं।” विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठते हैं कि आखिर नोटिस थमाना ही क्या समाधान है? शिक्षकों को अब पढ़ाने से ज्यादा नोटिस का जवाब देने में महारत हासिल हो चुकी है।

*सरकारी स्कूलों की सच्चाई*

अधिकांश सरकारी शिक्षक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाते हैं। कारण साफ है – उन्हें खुद मालूम है कि सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल है। शिक्षक देर से स्कूल पहुंचते हैं और जल्दी घर लौटने की चिंता में रहते हैं।

अब बड़ा सवाल यह है कि कोटा ब्लॉक के शिक्षा अधिकारी इस जिम्मेदारी का निर्वहन कैसे करेंगे? क्या सिर्फ नोटिस और जांच ही उपाय है या फिर ठोस कार्रवाई होगी?
कोटा ब्लॉक शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप : भ्रष्टाचार और संरक्षण की चर्चा तेज

कोटा ब्लॉक के जंगलों और ग्रामों से लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। शिक्षा व्यवस्था की अव्यवस्था को लेकर ग्रामीण और अभिभावक लगातार पत्रकारों को अवगत करा रहे हैं। लेकिन इन शिकायतों का नतीजा सिर्फ यही निकलता है कि शिक्षकों को नोटिस थमा दिया जाता है।

बीच-बचाव और भ्रष्टाचार की आशंका

ब्लॉक शिक्षा कार्यालय पर बीच-बचाव करने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी शिकायतें दर्ज होती हैं, उन्हें दबाने का काम किया जाता है। शिक्षकों के गंभीर लापरवाहियों पर सिर्फ औपचारिक कार्रवाई कर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है।BEO पर संरक्षण देने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरेंद्र मिश्रा पर आरोप है कि उनका संरक्षण मिलने के कारण ये कृत्य दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। चाहे मामला शराब सेवन का हो, समय से शाला न आने का हो, या फिर बच्चों से काम कराने का—इन सभी मुद्दों पर BEO की ओर से पर्दा डालने की चर्चा है।

जनता की नाराज़गी

ग्रामीण अब खुले तौर पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर शिक्षा विभाग की लापरवाहियों का खामियाजा उनके बच्चों को क्यों भुगतना पड़े? जब जिम्मेदारी संभालने वाले ही सवालों के घेरे में हों, तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है?यह मामला सीधे-सीधे भ्रष्टाचार और जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली से जुड़ा है। अब देखना होगा कि विभाग और सरकार इस पर कोई ठोस कार्रवाई करती है या नहीं।
शंकर सिंह कंवर पैरालाइज शिक्षक 3 वर्षों से इसका दामाद शिक्षक की कार्य कर रहा है

Latest news
*धरना मे विधायक इन्द्र साव एवं गिरीश देवांगन शामिल हुए* *आत्मनिर्भर भारत अभियान: भाटापारा प्रेसवार्ता* *डिप्टी सीएम ने लगभग सात करोड़ रुपए के विकास कार्यो का किया लोकार्पण व भूमिपूजन* *अमरकंटक बजरंग दल की पहल से  पशुओं को मिला ‘सुरक्षा कवच’* *अखिल भारतीय नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन गरिमामय माहौल में संपन्न हुआ* *शराब दुकान को शीघ्र अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग* *अमरकंटक में 69वीं राज्य स्तरीय शालेय  प्रतियोगिता का भव्य आगाज़* *खेल केवल जीत-हार नहीं, जीवन का उत्सव है:- शिवरतन शर्मा* *महिला ने लगाया आरक्षक पर गंभीर आरोप जबरदस्ती अवैध शराब बेचने का मामला * *अमरकंटक की पावन धरा  पर वर्षा का रसमय आलिंगन*