
*भ्रष्टाचार रिश्वत एवं व्यवस्था में सुधार के खिलाफ बेलगहना तहसील का घेराव*

,*बेलगहना ग्लोबल न्यूज प्रदीप शर्मा की रिपोर्ट**भ्रष्टाचार के खिलाफ बेलगहना तहसील में 18 अगस्त को घेराव, अधिवक्ता संघ का काम बंद आंदोलन “सिर्फ तबादला नहीं, व्यवस्था में सुधार हो”लगातार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों से घिरे बेलगहना तहसीलदार अभिषेक राठौर को अंततः पद से हटा दिया गया है। लेकिन ग्रामीणों, अधिवक्ताओं और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इससे व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है।आमजन और किसान अभी भी तहसील कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं, और बिना पैसे दिए काम न होने की शिकायतें जस की तस बनी हुई हैं। बाबू से लेकर पटवारी तहसील तक सबको पैसा चाहिए नहीं तो महिनों तहसील कार्यालय के चक्कर लगाते रहिए कुछ भी काम नहीं होगा ।
18 अगस्त को तहसील का घेराव किया गया
इस स्थिति के खिलाफ अधिवक्ता साथियों और जनप्रतिनिधियों ने आज बेलगहना तहसील का घेराव करने का ऐलान किया है। उनकी प्रमुख मांग है कि—तहसील कार्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार हो।भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर वास्तविक कार्रवाई की जाए।
बिना जांच और दंड के सिर्फ तबादला करने की प्रथा बंद हो।“तबादला नहीं, कार्रवाई हो”
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को केवल एक जगह से दूसरी जगह भेजकर बचाने का काम कर रही है। इस तरह का तबादला भ्रष्टाचारियों के लिए “पुरस्कार” जैसा है। जबकि असल जरूरत है—जांच, दंड और सख्त कार्रवाई की।“सिर्फ तबादला भ्रष्टाचारियों के लिए अवार्ड”ग्रामीणों और अधिवक्ताओं का आरोप है कि भ्रष्ट अधिकारियों को बिना कार्रवाई किए केवल एक जगह से दूसरी जगह भेजना उन्हें “पुरस्कार” देने जैसा है। असल जरूरत व्यवस्था को सुधारने और दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करने की है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जब तक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित नहीं होगी, तब तक किसानों और आम लोगों की परेशानियां कम नहीं होंगी।गरीब की फाइल धूल खाती है” — सचिन साहू अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सचिन साहू ने कहा कि—“बड़े लोगों का काम पैसों के दम पर हो जाता है, लेकिन गरीब किसान और आमजन कहाँ जाएं? बिना पैसे फाइल और आवेदन महीनों तक धूल खाते रहते हैं। छोटे ऑपरेटर से लेकर तहसीलदार तक हर कदम पर भ्रष्ट आचरण देश और समाज को खोखला कर रहा है।”
भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुटता
अधिवक्ता संघ ने साफ कहा है कि जब तक व्यवस्था में पारदर्शिता नहीं लाई जाएगी, भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक गरीबों की समस्याएं खत्म नहीं होंगी।
इसीलिए आज अधिवक्ता संघ ने तहसील कार्यालय का घेराव कर काम बंद करने का ऐलान किया है।इस विरोध में जनप्रतिनिधि, किसान और स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
तहसील कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर उच्च स्तरीय जांच।दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों पर निलंबन/बर्खास्तगी की कार्रवाई।
बिना पैसे आवेदन और फाइल निपटाने की पारदर्शी व्यवस्था लागू हो। राज्य शासन के द्वारा ऐसे भ्रष्ट्र अधिकारियों का तबादला कर दिया जाता है जांच करने की बजाय खाना पूर्ति की जाती है
ग्रामीणों का कहना है कि अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई तो उग्रआंदोलन एवं चक्का जाम किया जाएगा जिसकी समस्त जवाब दारी प्रशासन की होगी ।



