
*शा. प्राथमिक शाला भस्को से शिक्षक बिना बताए तीन दिन से नदारद*

*खोगसरा,आमागोहन ग्लोबल न्यूज संवाददाता प्रदीप शर्मा की रिपोर्ट*बिना सूचना नदारद शिक्षक, ग्रामीणों का आरोप – शराब के नशे में घूमते हैं गांव में
शिक्षक समाज की छवि एक बार फिर विवादों में है। कोटा विकासखंड के आमागोहन संकुल अंतर्गत प्राथमिक शाला भस्को के शिक्षक पुष्पकान्त पेन्द्रों पिछले तीन दिनों से बिना किसी पूर्व सूचना के स्कूल से नदारद हैं। इस बीच ग्रामीणों का आरोप है कि वे गांव में शराब के नशे में घूमते दिखाई दिए। यह जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि स्वराज पटेल ने दी।
दिनांक- 12,13 एवं 14 अगस्त को शिक्षक बिना सूचना अनुपस्थित थे।
आदिवासी ग्रामीण अंचल में बच्चों का भविष्य अंधेरे में
मौके पर निरीक्षण में अनुपस्थित मिले शिक्षक
आज जबग्लोबल न्यूज लाइव की टीम रिपोर्टिंग के लिए स्कूल पहुंची, तो अनुपस्थित शिक्षक वहां मौजूद नहीं थे। केवल प्रभारी प्रधान पाठक भरत राम यादव स्कूल में मिले। उन्होंने बताया कि शिक्षक की अनुपस्थिति की शिकायत उन्होंने संकुल समन्वयक पुनानंद मिश्रा को संकुल के व्हाट्सऐप ग्रुप में दी है।
संकुल समन्वयक ने कहा
संकुल समन्वयक पुनानंद मिश्रा ने कहा, “मुझे शिक्षक के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है, जिसे संज्ञान में लेते हुए उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।”
विकासखंड शिक्षा अधिकारी का कड़ा रुख
विकासखंड शिक्षा अधिकारी नरेंद्र मिश्रा ने कहा,
“शिक्षा विभाग ऐसी लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। संबंधित शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और उनके वेतन पर रोक लगाने की कार्रवाई की जाएगी। यदि भविष्य में भी ऐसी शिकायत मिली तो निलंबन की कार्यवाही होगी।”
ग्रामीणों का आरोप – नशे में आते हैं शिक्षक
जनप्रतिनिधि स्वराज पटेल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा,
“ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूलों में शिक्षकों का नशे में आना आम हो गया है। कई बार हमने शिकायत की और समझाया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को इस तरह के स्कूल में क्यों भेजेंगे, जहां शिक्षक नशे में हो? मॉनिटरिंग की कमी का शिक्षक फायदा उठा रहे हैं।”
बड़े सवाल खड़े क्या शिक्षा विभाग नशे में पाए गए शिक्षकों की मेडिकल जांच करवाएगा?
क्या संकुल स्तर पर सख्त मॉनिटरिंग सिस्टम लागू होगा ताकि शिक्षक नियमित और समय पर स्कूल पहुंचे?ग्रामीण अब शिक्षा विभाग से ठोस और त्वरित कदम उठाने की मांग कर रहे हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई और भविष्य सुरक्षित रह सके।
